A Stream of Himalayan Melody Selected songs of Narendra Singh Negi
₹150.00
यह पुस्तक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के चुनिंदा गढ़वाली गीतों का अंग्रेजी अनुवाद है। यह अनुवाद युवा कवि और अनुवादक दीपक बिजल्वाण द्वारा किया गया है। पुस्तक में नेगी जी के खुदेड़ गीत, प्रेम गीत, पर्यावरण और प्रकृति चेतना और अन्य विविध संदर्भ के गीतों को शामिल किया गया है।
Author : Deepak Bijalwan
Language : English
Hardcover : 118 Pages
Country of Origin : India
Best Sellers Rank : #29,550 in Books
Based on 0 reviews
|
|
0% |
|
|
0% |
|
|
0% |
|
|
0% |
|
|
0% |
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Write a reviewRelated Products
कुमाऊँ की लोकगाथाएँ. उत्तराखंड के प्रतिष्ठित लोक लेखक डॉ. प्रयाग जोशी की नवीनतम पुस्तक है। पुस्तक में गाथाओं के मूल पाठ के साथ ही हिन्दी रूपान्तर भी दिया गया है। इस पुस्तक में 5 अध्याय हैं। जिनमें हुड़किया बौल, रमौल, जागर वार्ता, गारुड़ी और मालूसाही को स्थान दिया गया है। हुड़किया बौल में मैदुवासोंन, वैसभाई गैड़ा, रणजीत-दलजीत, अजुबा बफौल, रमौल में दूध कंवल, हिमान्त जातरा, बरमी कंवल, सूरज कंवल, जागर वार्ता में कलबिष्ट, गंगनाथ, विविध में मालूसाही और गारुड़ी में गुरू गोरखनाथ की रखाली को शामिल किया गया है। पुस्तक में हमारी गाथा शीर्षक से श्री जोशी ने लोकगाथाओं पर दस पृष्ठ का एक संग्रहणीय आलेख लिखा है।
This book is an essential guide for anyone who is seeking trustworthy information on the of Central Himalaya glacier, especially of Gangotri glacier. Featuring the author’s clear and extensive translations of original sources and field experiences, it brings to life the myths and legends of Gangotri in a lucid and engaging style.
Subject mentioned in the book also limelight’s the threats posed to Gangotri glacier valley through alterations in weather and climate patterns and recent hefty anthropogenic interventions. The voyage of the author from Gangotri temple to the glacier’s snout followed by trekking to Badrinath through the treacherous Kalindi pass is breathtaking.
NAINITAL A GAZETTEER नैनीताल अ गजेटियर
Author : H. R. NEVILL
Language : English
Hardcover : 376 Pages
Reading age : 15 years and up
Country of Origin : India
Best Sellers Rank : #369,868 in Books
कुमाउनी शब्द सम्पदा, कुमाउनी-हिन्दी और अंग्रेजी के पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण शब्दकोश है। डॉ नागेश कुमार शाह द्वारा संकलित इस शब्दकोश को वर्णमाला के अनुसार तैयार किया गया है। शब्दकोश के अतिरिक्त पुस्तक में विशिष्ट शब्दावलियां भी दी गई हैं। गंध सम्बन्धी शब्दावलियां, मनोभावों संबंधी शब्दावलियां, कुमाउनी लोकोक्तियां व मुहावरे, समानार्थी शब्द व कुमाउनी वाक्य रचना भी पुस्तक में दी गई है। यह पुस्तक कुमाउनी भाषा में रुचि रखने वाले नवपाठकों, छात्रों व शोधार्थियों के लिए बहुंत ही उपयोगी है।
Author : Dr. Nagesh Kumar Shah
Language : Garhwali (Uttarakhand Local Language)
Hardcover : 168 Pages
Reading age : 15 years and up
Country of Origin : India
Best Sellers Rank : #369,868 in Books
प्रसिद्ध यायावर, शिक्षक और घुमक्कड़ प्रभात कुमार उप्रेती की पुस्तक सियासत-ए उत्तराखंड उत्तराखंड के समाज, राजनीति और आंदोलनों की देखने का नया नजरिया पेश करती है। यह पुस्तक उत्तराखंड के जल, जंगल, जमीन के मुद्दों से भिड़ते हुए हमें चिपको आंदोलन तक ले जाती है वहां से यह हमें उत्तराखंड की राजनीति के सभी पाठ एक एककर पढ़ाती चलती है। यहां पलायन की कहानी भी है और शराब विरोधी आंदोलन भी। यहां जाति के समीकरण भी आपको मिल जाएंगे। कुछ नए पुराने राजनेताओं के जीवन चित्र भी आपको इस पुस्तक में मिल जाएंगे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन भी इस पुस्तक में मिल जाएगा। 46 अध्यायों में बंटी यह पुस्तक उत्तराखंड की राजनीति को समझने के लिए एक बेहतरीन पुस्तक है।
गढ़वाल हिमालय का गजेटियर वाल्टन ने एटकिंसन के ‘ हिमालयन गजेटियर ’ से करी बढाई दशक बाद लिखा है, यह अंग्रेजी में बीसवीं शाताब्दी के शुरु में छपा था, इसमें उत्तराखण्ड की कृषि, पर्यावरण, संचार व अन्य पहलुओं पर चर्चा तो है ही, खासबात यह है कि इसमें टिहरी रियासत की व्यापक चर्चा है जबकि उनके पूर्ववर्तियों ने इस क्षेत्र का कम जिक्र किया था।
आशाराम ‘आशाजीत’ द्वारा संकलित गढ़वाल की लोककथाएं लोकसाहित्य के पाठकों के लिए एक उपहार है। विद्वान लोकविद् आशाराम जी ने अपने पूर्वजों के संचित ज्ञान को पुस्तक के रूप में पाठकों के सामने रखा है। इस पुस्तक में कुल आठ लम्बी लोककथाएं हैं। जिन्हें पहले पहले मूल गढ़वाली रूप में पुस्तक में दिया गया है। उसके बाद कहानी खत्म होने के बाद कहानी का हिन्दी रूपान्तरण दिया गया है। पुस्तक में मुख्य रूप में गढ़वाल की लोककथा उदास नगरी विषैली कन्या, रग और ठग, सात बातगाले,बड़े बैरी का बड़ा आदर, पंडित और पंडिताइन, गरीब आदमी, घरगुदड्य और झड़-झड़ खंता रुप्या पैसा शामिल हैं। केन्द्र सरकार की सेवा में रहे आशाजीत जी को संगीत और रंगमंच का भी शौक रहा। आप उत्तराखंड के सामाजिक मुद्दों से भी गहरे जुड़े रहे हैं।
Publisher : Samaya Sakshaya Prakashan (1 January 2024)
Language : Hindi
Perfect Paperback : 130 pages
Reading age : 15 years and up
Item Weight : 140 g
Dimensions : 14 x 0.5 x 21 cm
Country of Origin : India
Packer : Samaya Sakshaya Prakashan
“गढ़वाल का इतिहास” गढ़वाल का पूर्ण इतिहास समेटे इस पुस्तक में गढ़वाल के समाज, साहित्य और संस्कृति का विस्तार से वर्णन है | गढ़वाल की जातियां, वंश, गढ़ और शासक को विशेष रूप से बताया गया है | प्रथम संस्करण से अब तक के लम्बे अन्तराल के दौरान गढ़वाल के इतिहास में जो नई खोजे प्रकाश में आई हैं उनका समावेश भी इस पुस्तक में किया गया है। डॉ० यशवन्त सिंह कठोच ने बड़े परिशम पूर्वक इस पुस्तक का संपादन ही नहीं किया, अपितु उसमें संशोधन कर इस पुस्तक को और आद्यतन बना दिया है। अतः प्रतियोगिता की दृष्टि से यह पुस्तक बहुत लाभ करी है।
Reviews
There are no reviews yet.