• -13%Limited
    Siyasat e Uttarakhand 350.00

    प्रसिद्ध यायावर, शिक्षक और घुमक्कड़ प्रभात कुमार उप्रेती की पुस्तक सियासत-ए उत्तराखंड उत्तराखंड के समाज, राजनीति और आंदोलनों की देखने का नया नजरिया पेश करती है। यह पुस्तक उत्तराखंड के जल, जंगल, जमीन के मुद्दों से भिड़ते हुए हमें चिपको आंदोलन तक ले जाती है वहां से यह हमें उत्तराखंड की राजनीति के सभी पाठ एक एककर पढ़ाती चलती है। यहां पलायन की कहानी भी है और शराब विरोधी आंदोलन भी। यहां जाति के समीकरण भी आपको मिल जाएंगे। कुछ नए पुराने राजनेताओं के जीवन चित्र भी आपको इस पुस्तक में मिल जाएंगे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन भी इस पुस्तक में मिल जाएगा। 46 अध्यायों में बंटी यह पुस्तक उत्तराखंड की राजनीति को समझने के लिए एक बेहतरीन पुस्तक है।

  • -17%Limited
    Gangotri Glacier Himalaya: Paradise In Peril 249.00

    This  book is an essential guide for anyone who is seeking trustworthy information on the of Central Himalaya glacier, especially of Gangotri glacier. Featuring the author’s clear and extensive translations of original sources and field experiences, it brings to life the myths and legends of Gangotri in a lucid and engaging style.

    Subject mentioned in the book also limelight’s the threats posed to Gangotri glacier valley through alterations in weather and climate patterns and recent hefty anthropogenic interventions. The voyage of the author from Gangotri temple to the glacier’s snout followed by trekking to Badrinath through the treacherous Kalindi pass is breathtaking.

  • -14%Limited
    उत्तराखंड महिला भूमिका का इतिहास 300.00
  • कुमाऊँ की लोकगाथाएँ 325.00

    कुमाऊँ की लोकगाथाएँ. उत्तराखंड के प्रतिष्ठित लोक लेखक डॉ. प्रयाग जोशी की नवीनतम पुस्तक है। पुस्तक में गाथाओं के मूल पाठ के साथ ही हिन्दी रूपान्तर भी दिया गया है। इस पुस्तक में 5 अध्याय हैं। जिनमें हुड़किया बौल, रमौल, जागर वार्ता, गारुड़ी और मालूसाही को स्थान दिया गया है। हुड़किया बौल में मैदुवासोंन, वैसभाई गैड़ा, रणजीत-दलजीत, अजुबा बफौल, रमौल में दूध कंवल, हिमान्त जातरा, बरमी कंवल, सूरज कंवल, जागर वार्ता में कलबिष्ट, गंगनाथ, विविध में मालूसाही और गारुड़ी में गुरू गोरखनाथ की रखाली को शामिल किया गया है। पुस्तक में हमारी गाथा शीर्षक से श्री जोशी ने लोकगाथाओं पर दस पृष्ठ का एक संग्रहणीय आलेख लिखा है।

  • GARHWAL KA ITHIAS 249.00

     

    “गढ़वाल का इतिहास” गढ़वाल का पूर्ण इतिहास समेटे इस पुस्तक में गढ़वाल के समाज, साहित्य और संस्कृति का विस्तार से वर्णन है | गढ़वाल की जातियां, वंश, गढ़ और शासक को विशेष रूप से बताया गया है | प्रथम संस्करण से अब तक के लम्बे अन्तराल के दौरान गढ़वाल के इतिहास में जो नई खोजे प्रकाश में आई हैं उनका समावेश भी इस पुस्तक में किया गया है। डॉ० यशवन्त सिंह कठोच ने बड़े परिशम पूर्वक इस पुस्तक का संपादन ही नहीं किया, अपितु उसमें संशोधन कर इस पुस्तक को और आद्यतन बना दिया है। अतः प्रतियोगिता की दृष्टि से यह पुस्तक बहुत लाभ करी है।

  • -13%Limited
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    Garhwal Himalaya 295.00
  • Garhwal Himalay ka Gazetteer by H G Walton 500.00

    गढ़वाल हिमालय का गजेटियर वाल्टन ने एटकिंसन के ‘ हिमालयन गजेटियर ’ से करी बढाई दशक बाद लिखा है, यह अंग्रेजी में बीसवीं शाताब्दी के शुरु में छपा था, इसमें उत्तराखण्ड की कृषि, पर्यावरण, संचार व अन्य पहलुओं पर चर्चा तो है ही, खासबात यह है कि इसमें टिहरी रियासत की व्यापक चर्चा है जबकि उनके पूर्ववर्तियों ने इस क्षेत्र का कम जिक्र किया था।

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