थाईलैण्ड से लौटकर
घुमक्कड़ प्रवृत्ति के साहित्यकार नीरज नैथानी एक शिक्षक हैं। आपका यात्रा वृत्तांत हिमालय से हिमालय तक चर्चित रहा है। थाईलैण्ड से लौटकर पुस्तक को एक यात्रा वृत्तांत कहने के साथ ही थाईलैण्ड की प्रकृति, पर्यावरण, पारिस्थितिकी, शहरीकरण, आर्थिकी, जनजीवन, प्रौद्योगिकी व कला-संस्कृति की जानकारी देने वाली एक पुस्तक भी कहा जा सकता है। रंगीन चित्रों से सजी यह पुस्तक पाठकों को थाईलैण्ड के द्वीपों, समुद्रतटों से लेकर आंतरिक भागों की यात्रा कराती है।
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NAINITAL A GAZETTEER नैनीताल अ गजेटियर
Author : H. R. NEVILL
Language : English
Hardcover : 376 Pages
Reading age : 15 years and up
Country of Origin : India
Best Sellers Rank : #369,868 in Books
This Dictionary Contains 8000 English, 40000 Garhwali and 320000 Hindi equivalents. English-Garhwali-Hindi Dictionary is very useful for such readers who study in English and want to know the meaning of English words in Garhwali and Hindi. This is a useful book for readers who wish to learn Garhwali.
Author : Dr Achlanand Jakhmola
Lenght : 246 page
Language : Hindi, English & Garhwali
Reading age : 15 years and up
Country of Origin : India
Best Sellers Rank #85,666 in Books
गढ़वाल हिमालय में लोकजीवन से जुड़े सभी अवसरों पर गाए जाने वाले मांगलों को इस पुस्तक में संकलित किया गया है। जन्म से लेकर विवाह तक और विवाह के बाद आजीवन होने वाले सभी संस्कारों से जुड़े गीत आपको इस पुस्तक में मिल जाएंगे। यह मांगल गीतों के संकलन की एक जरूरी किताब है।
Author : Shanti Prakash ‘Jigyasu’
Language : Hindi & Garhwali (Uttarakhand Local Language)
Hardcover : 110 Pages
Reading age : 18 years and up
Country of Origin : India
चन्द्रकुंवर बर्त्वाल सम्पूर्ण काव्य साहित्य हिमवन्त के कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की सम्पूर्ण उपलब्ध काव्य कृतियों का संकलन है। इस वृहद काव्य संग्रह में चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की कुल 8 पुस्तकें और उपलब्ध अन्य मुक्ताएं प्रकाशित हैं। संग्रह में बर्त्वाल की हिमवंत का एक कवि, नंदिनी, गीत माधवी, जीतू, कंकड पत्थर, विराट ज्योति, पयस्विनी, काफल पाक्कू पुस्तकें संकलित हैं। चन्द्रकुंवर बर्त्वाल के विषय में ग्रंथ के संपादक डॉ. योगम्बर सिंह बर्त्वाल ने लिखा है – भविष्य में चन्द्रकुंवर बर्त्वाल रचित काव्य व साहित्य की प्रासंगिकता बढ़ेती और कवि की रचनाओं का ठीक-ठीक मूल्यांकन हो सकेगा।
Author : Dr. Yogambar Singh Bartwal
Language : Hindi
Hardcover : 546 Pages
Reading age : 15 years and up
Country of Origin : India
गढ़वाल हिमालय का गजेटियर वाल्टन ने एटकिंसन के ‘ हिमालयन गजेटियर ’ से करी बढाई दशक बाद लिखा है, यह अंग्रेजी में बीसवीं शाताब्दी के शुरु में छपा था, इसमें उत्तराखण्ड की कृषि, पर्यावरण, संचार व अन्य पहलुओं पर चर्चा तो है ही, खासबात यह है कि इसमें टिहरी रियासत की व्यापक चर्चा है जबकि उनके पूर्ववर्तियों ने इस क्षेत्र का कम जिक्र किया था।
आशाराम ‘आशाजीत’ द्वारा संकलित गढ़वाल की लोककथाएं लोकसाहित्य के पाठकों के लिए एक उपहार है। विद्वान लोकविद् आशाराम जी ने अपने पूर्वजों के संचित ज्ञान को पुस्तक के रूप में पाठकों के सामने रखा है। इस पुस्तक में कुल आठ लम्बी लोककथाएं हैं। जिन्हें पहले पहले मूल गढ़वाली रूप में पुस्तक में दिया गया है। उसके बाद कहानी खत्म होने के बाद कहानी का हिन्दी रूपान्तरण दिया गया है। पुस्तक में मुख्य रूप में गढ़वाल की लोककथा उदास नगरी विषैली कन्या, रग और ठग, सात बातगाले,बड़े बैरी का बड़ा आदर, पंडित और पंडिताइन, गरीब आदमी, घरगुदड्य और झड़-झड़ खंता रुप्या पैसा शामिल हैं। केन्द्र सरकार की सेवा में रहे आशाजीत जी को संगीत और रंगमंच का भी शौक रहा। आप उत्तराखंड के सामाजिक मुद्दों से भी गहरे जुड़े रहे हैं।
Publisher : Samaya Sakshaya Prakashan (1 January 2024)
Language : Hindi
Perfect Paperback : 130 pages
Reading age : 15 years and up
Item Weight : 140 g
Dimensions : 14 x 0.5 x 21 cm
Country of Origin : India
Packer : Samaya Sakshaya Prakashan
“गढ़वाल का इतिहास” गढ़वाल का पूर्ण इतिहास समेटे इस पुस्तक में गढ़वाल के समाज, साहित्य और संस्कृति का विस्तार से वर्णन है | गढ़वाल की जातियां, वंश, गढ़ और शासक को विशेष रूप से बताया गया है | प्रथम संस्करण से अब तक के लम्बे अन्तराल के दौरान गढ़वाल के इतिहास में जो नई खोजे प्रकाश में आई हैं उनका समावेश भी इस पुस्तक में किया गया है। डॉ० यशवन्त सिंह कठोच ने बड़े परिशम पूर्वक इस पुस्तक का संपादन ही नहीं किया, अपितु उसमें संशोधन कर इस पुस्तक को और आद्यतन बना दिया है। अतः प्रतियोगिता की दृष्टि से यह पुस्तक बहुत लाभ करी है।
This Gazetteer is useful for readers interested in the history of British Almora District.
Author : आई.सी.एस H. G. Walton, I.C.S. एच. जी. वाल्टन
Language : Old English
Hardcover : 334 Pages
Reading age : 15 years and up
Country of Origin : India
घुघूति बासुति उत्तराखंड के पारम्परिक बालगीतों की पहली किताब है। जो पर्वतीय गांवों में बच्चों को सुनाए जाने वाले गीतों का संग्रह है। इस संग्रह में लोरी, पर्वगीत, क्रीड़ागीत, शिक्षा संबंधी बाल गीत व पहेलियों को शामिल किया गया है। इस पुस्तक गढ़वाली, कुमाउनी व अन्य लोकभाषाओं के बाल गीत शामिल हैं।
Author : Hem Pant
Foreword : Dr. Ashok Kumar Pant
Language : Garhwali (Uttarakhand Local Language)
Hardcover : 60 Pages
Reading age : 3 years and up
Country of Origin : India
Best Sellers Rank : #266,689 in Books
कुमाऊँ की लोकगाथाएँ. उत्तराखंड के प्रतिष्ठित लोक लेखक डॉ. प्रयाग जोशी की नवीनतम पुस्तक है। पुस्तक में गाथाओं के मूल पाठ के साथ ही हिन्दी रूपान्तर भी दिया गया है। इस पुस्तक में 5 अध्याय हैं। जिनमें हुड़किया बौल, रमौल, जागर वार्ता, गारुड़ी और मालूसाही को स्थान दिया गया है। हुड़किया बौल में मैदुवासोंन, वैसभाई गैड़ा, रणजीत-दलजीत, अजुबा बफौल, रमौल में दूध कंवल, हिमान्त जातरा, बरमी कंवल, सूरज कंवल, जागर वार्ता में कलबिष्ट, गंगनाथ, विविध में मालूसाही और गारुड़ी में गुरू गोरखनाथ की रखाली को शामिल किया गया है। पुस्तक में हमारी गाथा शीर्षक से श्री जोशी ने लोकगाथाओं पर दस पृष्ठ का एक संग्रहणीय आलेख लिखा है।
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